वोट की चोरी नहीं दिलों की चोरी करते हैं मोदी
डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया
सोशल मीडिया पर जितनी आलोचना देश के विपक्ष के नेता राहुल गांधी की हो रही है भारत के राजनीतिक इतिहास में किसी नेता की कभी भी इतनी आलोचना नहीं हुई। आश्चर्य तो इस बात का है कि राहुल गांधी पर इन सबका कोई असर नहीं हो रहा। 2004 से राजनीति में कदम रखने वाले राहुल या तो जानबूझकर अपनी आलोचना को इग्नोर करते हैं या उन्हें उनके आसपास रहने वाले मक्खन लगाउ लोग यह कहकर बहलाते हैं कि आपकी आलोचना का मतलब लोगों में आपकी लोकप्रियता बढ़ रही है। लेकिन सच्चाई इसके बिलकुल विपरीत है। लोगों में नरेंद्र मोदी के प्रति जो विश्वास, जो श्रद्धा और जो राष्ट्र के प्रति समर्पित नेता की छवि है उससे लोग उन पर वोट चोरी के आरोप को पसंद नहीं कर रहे। जब तक राहुल गांधी मोदी की बे सिरपैर की आलोचना करना नहीं छोड़ेंगे तब तक उनको एक गैर जिम्मेदार ऐसे नेता के रूप में ही जाना जाएगा जिसका उद्देश्य केवल और केवल सत्ता पाना है। पिछले एक डेढ़ महीने से राहुल गांधी भारत के निर्वाचन आयोग को निशाने पर लेकर वोट चोरी का जो आरोप लगा रहे हैं उसका असर कपूर की तरह है जो समय रहते काफूर होता चला जाएगा। स्पष्ट है जिन मोदी को न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में पसंद किया जा रहा हो, जिनके वक्तव्य जिओ पॉलिटिक्स को प्रभावित कर रहे हों, जिन्होंने देश को 2014 के बाद विश्व के बड़े देशों की पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया हो, जिन्हें दुनिया भर के देशों ने 27 सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से सम्मानित किया हो जिसमें भी 9 देश इस्लामिक हों ऐसे मोदी को जो भी नेता वोट चोर कहे उसे जनता कैसे पसंद कर सकती है। विपक्ष के नेता को यह बात क्यों समझ नहीं आती कि मोदी ने देश के गरीब तबके को रोटी और मकान की चिताओं से मुक्त किया है, गरीब तबके को ईंधन की चिंता से मुक्त किया है। मोदी ने स्वच्छता अभियान के माध्यम से देश को बीमारियों की आशंका से आंशिक मुक्त कराया है। मोदी ने देश की जनता को आयुष्मान भारत की योजना से परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का काम किया है। मोदी ने जगह-जगह एम्स खोलने का काम किया है। देश में हवाई अड्डों की संख्या बढ़ाई है। स्टार्टअप योजना से अर्हता प्राप्त व्यक्तियों को स्वरोजगार के लिए करोड़ों रुपए मुहैया कराए हैं। ये मोदी वे हैं जिन्होंने आज तक देश का हिंदू मुसलमान में विभाजन नहीं किया। जब भी वक्तव्य दिया 140 करोड़ जनता का जिक्र किया। जिन्होंने मुफ्त राशन हो या गरीबों को आवास या ढेर सारी योजनाओं का लाभ देने में हिंदू मुसलमान में भेद नहीं किया। ये मोदी वे हैं जिन्होंने विश्व के नेताओं को हमेशा शांति का संदेश दिया। जिन्होंने जम्मू कश्मीर में व्याप्त राजनीतिक और सामाजिक विसंगतियों को धारा 370 हटाकर समाप्त किया। जिन्होंने आतंकवाद को जीरो टॉलरेंस के आधार पर खत्म करने में आतंकियों को छठी का दूध याद कराया। जिन्होंने कश्मीर में निम्न जाति के लोगों को न केवल आरक्षण दिया बल्कि बेगारी प्रथा से निजात दिलाई। यह मोदी वह हैं जिन्हें दुनिया भर के नेता पसंद करते हैं। यह भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है कि देश में मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें युद्ध लड़ रहे देशों के दोनों पक्षों के नेता पसंद करते हैं। मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी बात करते हैं तो यूक्रेन के जेलेंस्की से भी बात करते हैं। जो फिलिस्तीन से भी बात करते हैं और इजराइल से भी दोस्ती रखते हैं। मोदी वह हैं जिन्हें ट्रंप की लाख कोशिशें झुका नहीं पाईं। देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की चौथी पायदान पर खड़ा करने वाले मोदी ही हैं। यह मोदी वह हैं जिन्होंने पहलगाम हमले में मारे गए 26 हिंदुओं की मौत का बदला पाकिस्तान के विरूद्ध आपरेशन सिंदूर से लेकर दुनिया को संदेश दिया कि दुश्मन देश के आतंक का जवाब भारत देना जानता है। जिन्होंने देश की सेना को आज 70 साल के इतिहास में अपने कार्यकाल में आयुध सामग्री से समृद्ध बनाया, जिन्होंने वन रैंक वन पेंशन लागू कर देश की सेना को वाजिब सम्मान दिया। यह मोदी वह हैं जिन्होंने मेक इन इंडिया के माध्यम से देश में बने ड्रोन और मिसाइलों से पाकिस्तान के एयरबेसों और आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया। जिन्होंने दुनिया भर में समय-समय पर फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने में शत प्रतिशत सफलता अर्जित की। जिन्होंने देश के गरीबों को जनधन योजना से जोड़ा। देश में ऐसे 56 करोड़ अकाउंट खोले गए जिनमें गरीब लोगों के ढाई लाख करोड रुपए जमा हैं। मोदी ने देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को नष्ट करने में सफलता अर्जित की। जिन्होंने महिलाओं को सम्मानजनक जीवन जीने की परिस्थितियों का निर्माण किया। जिन्होंने महिलाओं को लखपति दीदी बनाया। जिन्होंने स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाएं प्रारंभ की। महिलाओं की सुरक्षा को पर्याप्त महत्व दिया। मोदी कहते हैं विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार भारत की सशक्त महिलाएं हैं। अगस्त 2025 में हुए इंडिया टुडे के एक सर्वेक्षण के अनुसार नरेंद्र मोदी देश के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों में 44 अंकों के साथ सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं। ऐसे कर्मयोगी प्रधानमंत्री के विरुद्ध जिस भाषा का इस्तेमाल कर मिथ्या आरोप लगाए जा रहे हैं वह मोदी के राजनीतिक जीवन को प्रभावित नहीं कर सकेंगे। ये अनाप शनाप आरोप विपक्ष को ही प्रभावित करेंगे। लगातार वोट चोर गद्दी छोड़ का नारा प्रचारित कर विपक्ष खास तौर से कांग्रेस के राहुल गांधी यदि यह सोच रहे हैं कि जनता उनके पक्ष में खड़ी हो जाएगी तो यह उनकी गलतफहमी की पराकाष्ठा ही है। राहुल गांधी जिस तरीके से अपनी बात कह रहे हैं उसे गैर कांग्रेसी तो क्या खुद कांग्रेस के लोग पसंद नहीं कर रहे हैं। यह बात अब पूरी तरह से स्पष्ट हो गई है कि राहुल गांधी सत्ता के लिए इतने बेचैन हैं कि अपनी भाषा पर नियंत्रण भी नहीं कर पा रहे हैं। जब वे कहते हैं नरेंद्र मोदी वोट चोरी करता है तो उन पर तरस आता है। देश के विपक्ष का नेता देश के चुने हुए प्रधानमंत्री का इस तरह अशोभनीय भाषा प्रयोग कर अपमानित करे तो लगता है कि वह विपक्ष के नेता जैसे गंभीर पद के योग्य कतई नहीं हैं। राहुल गांधी आजकल इतनी हताशा में हैं कि देश में नेपाल जैसी स्थितियां पैदा करने के लिए युवा शक्ति को भड़काने से भी नहीं चूक रहे। लेकिन विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनावों ने बता दिया कि युवा शक्ति किसके साथ है। राहुल ने अभी-अभी एक्स पर एक ट्वीट कर लिखा देश के युवा, देश के स्टूडेंट, देश की जेन- जी संविधान को बचाएंगे। लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे। मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं। ऐसे वक्त में जब देश में युवा खुले रूप में मोदी के साथ खड़ा दिख रहा है जो राहुल गांधी की तुलना में मोदी को अधिक योग्य और सक्षम मानता हो ऐसे ट्वीट से कांग्रेस को कोई फायदा होगा संभव नहीं। वोट चोर गद्दी छोड़ का नारा भले ही गला फाड़ कर चिल्लाया जा रहा है लेकिन उससे कांग्रेस को नहीं बल्कि भाजपा को ही फायदा होता दिखाई दे रहा है। इस नारे से कांग्रेस जो भ्रम फैलाना चाहती थी उसकी पोल तो खुद कांग्रेस के समर्थक योगेंद्र यादव ने खोल दी। उन्होंने लिखा वोट चोरी कैंपेन चलाने का मतलब अदालत जाकर सच साबित करना नहीं है। यह एकदम भ्रम जाल है जो मतदाताओं के मन में मोदी के खिलाफ संदेह के बीज बोने के लिए है और राहुल इस बार अपनी योजना में कामयाब हो रहे हैं। सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस जिस नारे को मोदी पर चिपकाना चाहती है उसे कांग्रेसी विचार धारा के लोगों को छोड़कर कोई शायद ही पसंद कर रहा है क्योंकि मोदी वोट चोरी नहीं बल्कि लोगों के दिलों की चोरी करते हैं।
