त्रयोदशी, श्रीधन्वंतरी जयंती प्रजापति योग में 29 अक्टूबर को
मनोज जैन नायक
दीपावली के पांच दिनों की शुरुआत धन त्रयोदशी से हो जाती है वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद ने कहा कि कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को धन त्रयोदशी एवं श्री धन्वंतरी जयंती मनाई जाती है यह दीपावली के आने की सूचना है इस दिन यम और श्री धनवंतरी जी का पूजन का भी विधान है कहते हैं कि इस दिन धन्वंतरी वैद्य समुद्र से अमृत कलश लेकर आए थे इसलिए धनतेरस को धन्वंतरी जयंती भी कहते हैं इस दिन घर के टूटे-फूटे पुराने बर्तनों के बदले नए बर्तन खरीदते हैं इस दिन चांदी के बर्तन खरीदना अत्यधिक शुभ माना जाता है जिस दिन वैदिक देवता यमराज का भी पूजन किया जाता है यम के लिए आटे का दीपक बनाकर चार बत्ती लगाकर तेल का दीपक घर के मुख्य द्वार पर रख कर जल,रोली,चावल,गुड और फूल , नैवेद्य से पूजा करके दीपक जलाकर यम का पूजन करना चाहिए इससे अकाल मृत्यु का भय टलता है।
इस दिन सभी भगवान श्री धन्वंतरी वैद्य की पूजा सायंकाल प्रदोष काल में स्थिर लग्न में करते हैं।
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ 29 अक्टूबर मंगलवार को प्रातः 10:31 बजे से त्रयोदशी तिथि समाप्त 30 अक्टूबर को दोपहर 13:15 बजे पर।
पूजा का मुहूर्त :-
29 अक्टूबर मंगलवार को प्रदोष काल शाम को 05:37 बजे से रात्रि 08:11 बजे तक।
वृषभ स्थितर लग्न शाम 06:32 बजे से रात्रि 08:28 बजे तक।
