दुनिया देखना चाहती है कैसा बदला लेंगे मोदी
डॉ हरिकृष्ण बड़ोदिया
यह पहला मौका है जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक विदेशी पत्रकार के प्रश्न के उत्तर में कहा कि उनका देश आतंकवाद का समर्थन करता रहा है तथा पश्चिमी देशों के लिए गंदा काम करता रहा है। स्काई न्यूज़ की एंकर यालदा हकीम से बातचीत करते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान 3 दशकों से अमेरिका ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए यह (आतंक का)गंदा काम करता रहा है। यह एक गलती थी और हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ी। आतंकवाद के आरोपों पर हमेशा कन्नी काटने वाला पाकिस्तान आज असहाय दशा में है। उसके रक्षा मंत्री के मुंह से ऐसा बयान निकलना हताशा को प्रकट करता है। रक्षा मंत्री का यह बयान स्पष्ट करता है कि आतंकवाद को खाद पानी देने वाला यह देश पूरी तरह से एक्सपोज हो गया। 3 दशकों से भारत जो बात अंतर्राष्ट्रीय मंचों से उठाता रहा उसकी स्वीकारोक्ति पाकिस्तान का रक्षा मंत्री इस तरह करेगा कोई सोच भी नहीं सकता था। लेकिन कहा जाता है कि सच जुबान पर आ ही जाता है भले ही उसे जुबान पर आने में लंबा वक्त ही क्यों ना लगे। भारत कई दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेलता रहा है। उसने हमेशा कोशिश की कि एक पड़ोसी होने के नाते पाकिस्तान से उसके साथ अच्छे संबंध बने रहें लेकिन एक अविश्वसनीय आतंकवादी देश पाकिस्तान ने भारत के साथ हमेशा धोखा ही किया। धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में अमन चैन की स्थिति आती जा रही थी। अधोसंरचनात्मक विकास के साथ-साथ वहां की आर्थिकी में बदलाव देखने को मिल रहा था, एलओसी पर लगातार पाक आतंकी घुसपैठ और गतिविधियों के बावजूद कश्मीरी लोग थोड़ा सामान्य जीवन जीते हुए अपनी बदहाली से मुक्त होने की प्रक्रिया के दौर से गुजर रहे थे। यही बात पाकिस्तानी आतंक के आकाओं को पसंद नहीं आ रही थी। पाकिस्तानी हुक्मरानों को लग रहा था कि हमेशा अशांत रहने वाले कश्मीरी लोगों की भारत सरकार के प्रति नरमी और सहयोग यदि यूं ही चलता रहा तो इसका असर पाकिस्तानं अधिकृत कश्मीर (पीओके) और बलोचिस्तान पर पड़ेगा जिससे वहां बगावत के हालात और ज्यादा बदतर होते चले जाएंगे। यही कारण है कि आतंक के आकाओं ने पहलगाम हमले को अंजाम दिया। 2019 के बाद जब से धारा 370 हटी पिछले दो-तीन सालों में देश-विदेश के पर्यटकों ने बेखौफ होकर कश्मीर का रुख किया था जिससे वहां के वाशिंदों का कारोबार बढ़ रहा था। वहां के लोग समझ रहे थे कि भारत के प्रधानमंत्री ने जो कदम कश्मीरी अवाम की बेहतरी के लिए उठाए हैं वे कश्मीरियों की सामाजिक आर्थिक दशा में आमूल चूल परिवर्तन कर देंगे इसीलिए उन्होंने हाथ में पकड़े हुए पत्थरों को छोड़कर पर्यटन व्यापार में रुचि लेना शुरू किया था जिसका असर सकारात्मक हुआ। यही बात पाकिस्तान को खाए जा रही थी। वह नहीं चाहता था कि कश्मीर के लोग भारत सरकार के साथ राब्ता कायम कर सुनहरे भविष्य का निर्माण करें। धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में बदलाव इस बात का सबूत है कि भारत सरकार ने ऐसी परिस्थितियों का निर्माण किया कि लोग बेखौफ होकर कश्मीर की वादियों का आनंद ले सके। यही कारण है कि जहां 2018 में कश्मीर में कुल पर्यटकों की संख्या लगभग 8 लाख 30 हजार थी वहां 2024 में यह बढ़कर 34 लाख 98 हजार तक पहुंच गई। यह वृद्धि 321 प्रतिशत से अधिक है। इससे आम कश्मीरी बहुत खुश और भारत सरकार के प्रति शुक्रगुजार था। लेकिन पहलगाम हमले ने कश्मीर की जनता के साथ जो अन्याय किया उसके लिए कश्मीरी जनता पाकिस्तान को कभी माफ नहीं करेगी। इस दुर्दांत हमले के बाद कश्मीरी लोगों में जो परिवर्तन आया वह बेहद उल्लेखनीय और संतोषजनक है। श्रीनगर के लाल चौक पर आज से पहले जहां हर आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा करते थे उस लाल चौक पर लोग बड़ी संख्या में एकत्र होकर पाकिस्तान के विरुद्ध नारे लगा रहे थे। हाथों में तिरंगे स्पष्ट कर रहे थे कि कश्मीरी आवाम भारत सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के बाद आए परिवर्तनों से कितनी खुश है। पहलगाम हमला बेहद खौफनाक और निंदनीय हमला है जिसने भारत की आस्था और आत्मा को झकझोर कर रख दिया। 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने उन लोगों की हत्या की जो न केवल निर्दोष और निहत्थे थे बल्कि खास तौर से हिंदू थे। पर्यटकों से पूछा गया क्या तुम मुसलमान हो, मुसलमान हो तो कलमा पढ़ो। मुसलमान नहीं तो गोली मार दी गई। यही नहीं लोगों के अधो वस्त्र उतरवा कर यह भी खातरी की गई कि उनका खतना है या नहीं। मोदी के प्रति नफरत की इससे बड़ी इंतहा और क्या हो सकती है कि आतंकवादी ने जब हिंदू दंपति के पुरुष को गोली मार दी तो उनकी पत्नी ने कहा तुम मुझे भी गोली मार दो तब आतंकवादी ने कहा तुम्हें नहीं मारेंगे तुम जाकर अपने मोदी को बताना। यह किसी से छुपा नहीं है कि 2014 के बाद जब से मोदी आए हैं तब से पाकिस्तान घुटनों पर आने को मजबूर हुआ है। मोदी ने उस दौर की राजनीति में पूरी तरह से परिवर्तन कर दिया जब आतंकवाद और पाकिस्तान के साथ वार्ताएं साथ-साथ चला करती थीं। जब तत्कालीन सरकार हर आतंकी घटना के बाद डोजियर सौंप कर चुप हो जाती थी। हर आतंकी घटना के बाद समझौते की मेज पर बैठकर भारत के विरुद्ध पाकिस्तान की ज्यादतियों को सामान्य घटना मानकर नजर अंदाज कर दिया जाता था। पूरे देश में आतंकी घटनाओं के घटने के बाद केवल कड़ी निंदा कर चुप हो जाया जाता था। यही पाकिस्तान को सूट करता था। लेकिन मोदी ने हर आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान पर न केवल कूटनीति से बल्कि बदले की कार्रवाई कर सबक सिखाने का काम किया। पाकिस्तान के विरुद्ध एयर स्ट्राइक हो या सर्जिकल स्ट्राइक भारत की सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया यह मोदी के नेतृत्व के बिना संभव नहीं था। कौन नहीं जानता कि एयर स्ट्राइक के बाद अभिनंदन को वापस करने के पहले पाकिस्तान में कितने डर का माहौल था। इसे वहां के सांसद अयाज सादिक ने बयान कर बताया था। उन्होंने कहा था कि विदेश मंत्री कसूरी इतने डरे हुए थे कि उनके पैर कांप रहे थे, उन्हें पसीना आ रहा था। उन्होंने कहा था खुदा के वास्ते अभिनंदन को वापस जाने दो क्योंकि रात 9:00 बजे हिंदुस्तान पाकिस्तान पर हमला कर देगा। आज फिर पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से बदला लेने का समय आया है। न केवल भारत की जनता बल्कि पूरी दुनिया मोदी की अगली कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रही है। वह देखना चाहती है कि मोदी आतंकी देश पाकिस्तान के दुर्दांत कुकृत्य का कैसा बदला लेंगे। निश्चित ही पाकिस्तान डर रहा है। आर्मी चीफ आसिम मुनीर के चेहरे का रंग उड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और पाकिस्तानी आवाम डरे हुए हैं क्योंकि वे जानते हैं कि भूख से मर रहा पाकिस्तान भारत के बदले के बाद पाई पाई को मोहताज हो जाएगा। पाकिस्तान का हर एक ओहदेदार अधिकारी मंत्री संत्री इतना डरा हुआ है कि उन्हें नहीं मालूम कि कब अचानक भारत कहर बरपा देगा इसलिए न केवल उन्होंने अपने परिवारों को विदेश भेज दिया बल्कि भारतीय सेना की कार्रवाई से डर कर जमीन और आकाश में गस्ती और एलओसी पर गोलियां चलाकर अपने डर का इजहार भी कर दिया। निश्चित ही यह सही समय है जब भारत पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाए कि उसे वह कभी ना भूल पाए।
