शिविरों के माध्यम से हुआ संस्कारों का बीजारोपण
मनोज जैन नायक
शिवपुरी, श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर सांगानेर के तत्वाधान में 20 से अधिक स्थानों पर एक साथ 05 जून से 12 जून तक संस्कार शिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया ।
सकल जैन समाज महापंचायत शिवपुरी के कार्याध्यक महेंद्र जैन भैयन ने जानकारी देते हुए बताया कि परम पूज्य संत शिरोमाणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज जी के परम शिष्य निर्यापक श्रमण श्री 108 सुधासागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से गुना शिवपुरी एवं अशोकनगर जिले में एक साथ 20 से अधिक स्थानों पर 5 जून से 12 जून तक संस्कार शिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया था। इन सभी संस्कार शिक्षण शिविरों में श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर से पधारे 40 से अधिक विद्वानों के द्वारा छहढाला,सुनीति सतक,भक्तामर,रत्न कण्ड श्रावकाचार, मूकमाटी,जैन बाल बोध भाग 1-2 आदि महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन बहुत ही सरल भाषा में शिविरार्थियों को कराया गया। शिविर में प्रतिदिन सुबह दोपहर एवं रात्रि में कक्षाएँ लगाई जाती थीं।
गुरुवार 13 जून को गुना शिवपुरी एवं अशोकनगर में आयोजित सभी शिविरों का सामूहिक समापन श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन छत्री मंदिर जी अतिशय क्षेत्र शिवपुरी पर किया गया। सर्व प्रथम बाहर से पधारे मंदिर कमेटियों के पदाधिकारियों ने आचार्य श्री जी चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया तत्पश्चात श्री छत्री जैन मंदिर पाठशाला के छोटे छोटे बच्चों द्वारा बहुत ही शानदार नृत्य प्रस्तुति के साथ मंगलाचरण किया गया। एक भजन के माध्यम से श्री मती खुशबु जैन ने गुरूदेव के चरणों में अपनी भावांजलि प्रस्तुति की। स्वागत भाषण श्री राजकुमार जैन जड़ी बूटी वालों के द्वारा दिया गया।
संपूर्ण स्थानों के संस्कार शिविरों का शानदार संयोजन एवं संचालन श्री अनुभव जैन शास्त्री खनियाँधाना के द्वारा किया गया। जिसमें रवि जैन प्राचार्य ने अपना योगदान दिया। दोनों विद्वानों ने 40 से अधिक विद्वानों से संपर्क करके शिवपुरी- गुना-अशोक नगर आदि 20 स्थानों पर शिक्षण शिविरों का आयोजन किया जिनके मध्यम से जैन समाज के सभी वर्ग ने जैन शास्त्रों अध्ययन किया।
श्री जैन छत्री मंदिर शिवपुरी में 13 जून आयोजित विशाल स्तर पर आयोजित समापन समारोह में सभी विद्वतगण, शिविर संयोजक एवं संस्कार शिक्षण शिविर में प्रथम द्वितीय तृतीय आने वाले शिवरार्थियों यों का सम्मान जैन समाज शिवपुरी के द्वारा किया गया।