महापौर ने नए स्वरूप में निर्मित आंनद मोहन माथुर सभागृह का उदघाटन
इंदौर*। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी आनंद मोहन माथुर की 97वी वर्षगाँठ पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बापट चौराहा स्थित आनंद मोहन माथुर सभागृह का उद्घघाटन किया। इस मौके पर निगम सभापति मुन्नालाल यादव, वरिष्ठ डॉ. राजकुमार माथुर, आर्किटेक्ट पुनीत पांडे, अतुल सेठ, मुकुंद कुलकर्णी, डॉ. पूनम माथुर, प्रो. सरोज कुमार, कर्नल एन के माथुर, डॉ. राहुल माथुर, निर्मल दुबे विशेष रूप से उपस्थित थे।
अपने संबोधन में महापौर भार्गव ने कहा कि आनंद मोहन माथुर का व्यक्तितव इतना बहुआयामी है कि उस पर बोलने के लिए एक दिन भी कम होगा। वे एक अधिवक्ता होने के साथ साथ समाजसेवी है और उन्होंने कई ऐसे ऐसे कार्य किये जो माइल्स्टोन है। वे मेरे गुरु एडवोकेट पीयूष माथुर के भी गुरु है। आज मेरा सौभाग्य है कि इस सभागार का उदघाटन मैं कर रहा हूं, जो एक नये स्वरूप में है।
भार्गव ने आगे कहा कि तीन वर्ष पूर्व जिस इमारत का एक बड़ा हिस्सा आग में जल गया उसे पुनः खड़ा करना आसान नहीं था, लेकिन डॉ. राहुल माथुर और उनकी टीम ने दिन रात कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों से इसे पुनः तैयार कर दिया। इसका यह नया स्वरूप बड़ा सुंदर और आकर्षक है। इस मौके पर भार्गव ने पूरे परिसर का अवलोकन भी किया।
प्रो. सरोज कुमार ने कहा कि प्रदेश में केवल 2 अधिवक्ता हुए, जिन्होंने समाज हित में बड़ा दान दिया, उसमें से एक आनंद मोहन माथुर है। माथुर साहेब की जिद थी कि कितनी भी धनराशि खर्च हो सभागृह पुनः बनकर शुरू होना चाहिये। आज उनका एक और सपना साकार हुआ।
आर्किटेक्ट पुनीत पांडे ने कहा कि जब व्यक्ति अस्ताचल की ओर जाता है तो सूर्य पीछे आकर के परछाई को बड़ा कर देता है। माथुर साहेब उसका प्रमाण है। इस उम्र में भी वे सभागृह के निर्माण को देखने लगातार आते रहे और आज भी यहाँ आये है। ऐसी जीवटता बहुत कम लोगों में होती है।
डॉ. राहुल माथुर ने बताया कि इससे बड़ी खुशी क्या होगी कि माथुर साहेब के जन्मदिन पर उनके नाम से निर्मित माथुर सभागृह को नये स्वरूप के साथ शुरू किया गया। पहले दिन ही नाटक “हारी नहीं हूं मैं” के मंचन से इसकी शानदार शुरूआत हो गई। इस मौके पर केक काटकर माथुर साहेब का जन्मदिन भी मनाया जिसमें माथुर साहेब भी उपस्थित हुए। डॉ. राहुल माथुर ने आगे बताया कि सभागृह की आगामी तारीखों की भी बुकिंग आ रही है। सभागृह की गैलरी में भी दर्शको के लिए बैठक व्यवस्था की गई है। पास ही एक और छोटा हाॅल है जिसमें 150 लोग आराम से बैठ सकते है। एक ओपन थियेटर भी बना है।
इस मौके पर शिक्षाविद् डॉ. निशा दुबे, वीना श्रीवास्तव, शोभा दुबे, आई ए एस पाल, ओमप्रकाश नरेडा, शफी शेख, प्रवीण जोशी, डॉ. रजनी भंडारी, मदन राणे, श्याम शर्मा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।