मुख्य सड़क पर जनजाति के 6 युवको बेरहमी से आदतन अपराधियों ने चाकूओ से गोंदा
विधायक / सासंद के चहेते कोतवाली थाना प्रभारी पर मेहरबानी का खामियाजा
रामकिशोर दयाराम पँवार
बैतूल, एक आदिवासी की पिटाई के महीनो पुराने वीडियो ने एक अच्छे योग्य पुलिस कप्तान की बलि ले ली और बीते दस महीने बैतूल जिला मुख्यालय से लेकर जिले के बढ़ते अपराधो के बाद भी जिले के पांच विधायक एवं एक केन्द्रीय मंत्री अपने पुलिस कोतवाली को बैतूल से जाने नहीं दे रहे है..?उल्लेखनीय है कि फरवरी महीने में बैतूल में आदिवासी युवक की नग्न कर पिटाई के मामले को गंभीरता से लेते हुए बैतूल के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को हटा दिया गया था। श्री चौधरी के जाने के बाद से बैतूल जिले में लोगो को उम्मीद थी कि कम से कम जनजाति के मामलो में कमी आएगी लेकिन जिले में अपराधो का ग्राफ ऐसा बढ़ गया कि जिला मुख्यालय पर केन्द्रीय जनजाति मामलो के राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके के निवास को जाने वाली मुख्य सड़क पर राह चलते जनजाति के 6 युवको को दो गुटो की आसपी रंजीश का शिकार होना पड़ा। जिला मुख्यालय के 3 आदतन अपराधियों ने 6 युवको चाकूओ से बेरहमी से गोंद डाला जिसके चलते सासंद एवं केन्द्रीय जनजाति मामलो के राज्यमंत्री के निवास को जाने वाली मुख्य सड़क खून से लथपथ हो गई। पुलिस को जब सूचना दी तो पुलिस की गाड़ी में पुलिस थाना प्रभारी की जगह एक युट्यूबर्स पोर्टल बाज खंजनपुर पहुंचा। इन दिनो जिला मुख्यालय पर पुलिस अधिकारियो की नीजी एवं सरकारी गाडिय़ो में जिला मुख्यालय के पोर्टलबाज युट्यूबर्स धमाल चौकड़ी मचा रहे है। देर रात्रि में पुलिस गश्त के दौरान ऐसे लोगो को पुलिस के वाहनो से लेकर जिला चिकित्सालय की पुलिस चौकी में देखा जा सकता है। जिला मुख्यालय कर बुरी तरह से चरमा चुकी कानून व्यवस्था से नाराज लोगो ने आज खंजनपुर की मुख्य सड़क पर चक्का जाम कर दिया। दो वार्ड पार्षद से लेकर अधिवक्ता, पत्रकार, भाजपाई एवं कांग्रेसी नेताओं सहित वार्डवासियो ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर अपना आक्रोष जाहिर किया।
बैतूल विधायक के खासम खास
बैतूल विधायक हेमंत खण्डेलवाल पर जिले के आदिवासी एवं गैर आदिवासी समाज के संगठनो ने सीधा सवाल किया है कि आदिवासी युवक की नंगा करके पिटाई करने के मामले में यदि पुलिस कप्तान को हटाया जा सकता है तब आज तक छै आदिवासी युवको को बेरहमी से चाकूओ से गोंदने की घटना के बाद विधायक हेमंत खण्डेलवाल एवं केन्द्रीय जनजाति मामलो के राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके ने अभी तक पुलिस कोतवाली थाना प्रभारी को लाइन अटैच क्यों नहीं करवाया..? बैतूल कोतवाली देवकरण डहेरिया पर बैतूल विधायक की मेहरबानी के चलते उनका बैतूल से तबादला हो जाने के बाद भी आज तक हटाया नहीं गया..? विधायक के खासम खास थाना प्रभारी के रहते जिला मुख्यालय पर अपराधो का ग्राफ एवं पुलिस थाना में दलाल – बिचौलियो एवं पोर्टलबाज युट्यूबर्स धमाल मचा कर पुलिस की आड़ में लम्बा – चौड़ा कारोबार कर रहे है। कहना नहीं चाहिए लेकिन देखने में ऐसा आ रहा है कि बैतूल जिले के पुलिस थानो से लेकर पुलिस कप्तान के कार्यालयो तक ऐसे लोगो की पकड़ हो गई है जो यहां पर आने वाली शिकायतो को लेकर सौदेबाजी का काम करते है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि भूमि विवाद, चेक बाऊंस, पार्पटी लेन – देन के मामलो एवं साहूकारी एवं सूदखोरी की शिकायते पुलिस के रिकार्ड में दर्ज तक नहीं हो पा रही है।
शहर में बढ़ते अपराधों के खिलाफ सौंपा ज्ञापन
कानूलाल ने विधायक हेमंत खण्डेलवाल को घेरा
बैतूल। युवा आदिवासी विकास संगठन ने शहर में बढ़ते अपराधों पर चिंता जाहिर करते हुए मंगलवार रात 6 आदिवासी मजदूरों पर किए गए जानलेवा हमले के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। संगठन के जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह इवने के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक के नाम एडिशनल एसपी श्रीमती कमला जोशी को ज्ञापन सौंपा। जितेंद्र सिंह इवने ने बताया कि 15 अक्टूबर की रात शहर के आदतन अपराधी शुभम पंवार, रोशन शर्मा और निहाल भूमरकर ने आदिवासी समाज के गरीब मजदूर तबके के युवकों और बुजुर्गों पर चाकूओ से हमला कर जान से मारने की कोशिश की, साथ ही लूटपाट और वाहनों की तोडफ़ोड़ भी की। हमले में कई आदिवासी गंभीर रूप से घायल हो गए। वरिष्ठ समाजसेवी हेमंत सरियाम ने मांग की है कि इन अपराधियों के खिलाफ जिलाबदर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाए, ताकि आदिवासी समाज के मजदूर और छात्र – छात्राएं सुरक्षित रह सकें। संगठन के जिला उपाध्यक्ष अविनाश धुर्वे ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इन अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो आदिवासी समाज धरना प्रदर्शन और आंदोलन के लिए मजबूर होगा। इस मौके पर वरिष्ठ समाजसेवी हेमंत सरियाम, अविनाश धुर्वे, रामदास उइके, कानूलाल उइके, गंगा उइके, दीपक उइके, संतोष धुर्वे, सुनील कवड़े, रेवाराम सलामे, इंद्रकुमार उइके, राहुल कासदे, कमलेश पांसे, अमित उइके, उत्तम वरकड़े, राकेश उइके, राजकुमार उइके और सोहन वाड़ीवा सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे। जिला मीडिया प्रभारी कानूलाल उइके ने विधायक हेमंत खंडेलवाल और आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके पर सवाल उठाते हुए कहा कि दोनों ने इस गंभीर घटना पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, ना ही घायलों से मिलने अस्पताल गए हैं। शहर में इस घटना के बाद डर का माहौल बना हुआ हैए और ऐसा लग रहा है कि प्रशासन पूरी तरह असहाय है। संगठन के सभी सदस्यों ने मिलकर प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि शहर में आदिवासी समाज की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पुलिस के खिलाफ सड़क पर उतरे पत्रकार वकील और वार्डवासी
बैतूल के खंजनपुर इलाके में आए दिन हो रही आपराधिक वारदातों से दहशत बढ़ रही है। परेशान वार्डवासियों ने बीते गुरुवार को जबरदस्त प्रदर्शन किया। वार्डवासी इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने और इलाके में पुलिस चौकी खोलने की मांग कर रहे थे। उन्होंने पुलिस चौकी खोले जाने की मांग के समर्थन में एक ज्ञापन भी सौंपा। वार्डवासियों ने खंजनपुर मुख्य मार्ग पर करीब आधा घंटा प्रदर्शन किया। उन्होंने धरना भी दिया। हालांकि मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों एएसपी कमला जोशीए एसडीओपी शालिनी परस्ते और टीआई कोतवाली देवकरण डहरिया की समझाइश पर मान गए। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि वार्ड से लगा मैदानी क्षेत्र है। जहां लगातार असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। ये असामाजिक तत्व पहले शराब, गांजा और कई प्रकार का नशा करते हैं, फिर वार्ड निवासियों के साथ गाली गलौज, छेड़छाड़, लूट और मारपीट करते हैं। वार्ड में एक हॉस्टल और मिडिल स्कूल भी है। जहां ये असामाजिक तत्व पत्थर और शराब की बोतल फेंककर डराते धमकाते हैं। कॉलोनी वासियों द्वारा आपत्ति लेने पर कहा जाता है कि हम पर तो पहले से ही कई केस दर्ज हैं, एक और हो जाएगा तो हमारा कुछ नहीं होगा। इससे प्रतीत होता है कि अपराधियों के हौसले बुलन्द हैं। 15 अक्टूबर की रात इलाके में चाकूबाजी की घटनाओं में छह लोग घायल हो गए थे। हालांकि पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
जयस ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, आंदोलन की चेतावनी
बैतूल। शहर में बढ़ते अपराधों को लेकर जयस आदिवासी संगठन ने पुलिस अधीक्षक से सख्त कदम उठाने की मांग की है। संगठन का कहना है कि शहर में रोजाना गंभीर अपराध हो रहे हैं, और हाल ही की घटनाओं ने आदिवासी समाज के लोगों के लिए चिंता बढ़ा दी है। संगठन ने कहा कि अगर जल्द ही इन अपराधियों पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। शिकायत में बताया गया है कि विगत 15 अक्टूबर मंगलवार की रात, शहर के आदतन अपराधी शुभम पंवार, रोशन शर्मा और निहाल भुमरकर ने आदिवासी समाज के गरीब मजदूर तबके के युवकों और बुजुर्गों पर जानलेवा हमला किया। इन अपराधियों ने चाकूबाजी कर उन्हें गंभीर चोटें पहुंचाई, उनके वाहनों को तोड़ा और हत्या का प्रयास भी किया। जयस संगठन ने मांग की है कि इन अपराधियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाए, ताकि शहर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। जयस ने कहा कि बैतूल में बड़ी संख्या में आदिवासी युवक-युवतियां पढ़ाई कर रहे हैं और मजदूर वर्ग भी बड़ी संख्या में निवास करता है। ऐसे में इन अपराधियों पर यदि तुरंत कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह समाज के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। संगठन ने मांग की कि इन अपराधियों को जिला बदर किया जाए और पीड़ितों को उचित इलाज और आर्थिक सहायता दी जाए। जयस संगठन ने स्पष्ट किया है कि यदि प्रशासन ने इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए, तो वे धरना प्रदर्शन और आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। संगठन ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि इन अपराधियों को कानून के तहत सख्त से सख्त सजा दी जाए। इसके साथ ही राष्ट्रीय जनजातीय आयोग दिल्ली और मध्यप्रदेश जनजातीय आयोग भोपाल को भी इस मामले की प्रतिलिपि भेजी गई है, ताकि इस पर तत्काल कार्रवाई हो सके। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो जयस आंदोलन करेगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।ज्ञापन देने वालों में जयस जिला अध्यक्ष संदीप धुर्वे, प्रदेश संयोजक जामवंतसिंग कुमरे, महेश शाह उइके, जयस जिला प्रभारी बैतूल राजकुमार काकोड़िया, जिला सचिव सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए।
मानव अधिकार आयोग को शिकायत न हो जाए इसलिए बहाना बनाया
लोकलाज के डर से पुलिस ने अपनी इज्जत बचाने के लिए निकाला जुलूस
बैतूल, चौतरफा आरोपो एवं प्रत्यारोपो से घिरी बैतूल जिला मुख्यालय की कोठीबाजार कोतवाली पुलिस ने लोकलाज को बचाने के लिए तीन दिन पहले हुई चाकूबाजी के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों का बीते गुरुवार को जुलूस तो निकाला लेकिन सभी आरोपियों को पैदल ले जाने की वजह पुलिस वाहन में आई तथाकथित खराबी को बताया। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कोठी बाजार पुलिस थाना से न्यायालय तक जिन 3 आरोपियो को लेकर पैदल चल रही थी कुछ दूरी पर जिस वाहन को खराब होना बताया गया उसमें जिला मुख्यालय के कुछ पुलिस थाना में दलाली करने वाले बिचौलियो एवं पोर्टलबाज युट्यूबर्स इस जुलूस का वीडियो बनाते देखे गए। पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी इस बात से डरे हुए थे कि कहीं आरोपियो के जुलूस को लेकर मानव अधिकार आयोग तक पुलिस की शिकवा – शिकायत न हो जाए इसलिए बार – बार वाहन खराब होने का बहाना बता रहे थे। चाकूबाजी की घटना 15 अक्टूबर की रात मालवीय वार्ड खंजनपुर इलाके में हुई थी। चाकूबाजी की घटना के पीछे दो गिरोहों के बीच चल रही दुश्मनी बताई जा रही है। जिसमें बदमाशों ने आम लोगों पर हमला कर दिया था। कोतवाली पुलिस ने इस वारदात के आरोपी शुभम, निहाल और रोसू का जुलूस निकाला। इन तीनों पर हत्या के प्रयास, लूट, आम्र्स एक्ट के नौ मामले दर्ज किए गए है। आरोपियों का जिला अस्पताल में मेडिकल करवाकर कोर्ट पेश किया जाएगा। जहां से उनका पुलिस रिमांड लेने का प्रयास किया जा रहा है। इस घटना में तीन लोगों ने 6 लोगों पर चाकूबाजी की घटना की थी। इसमें एक घायल नंदलाल भोपाल रेफर है, उसकी आते बाहर आ गई थी। वहीं, पांच लोग जिला अस्पताल में भर्ती है। रोसू की रंजिश यश राने खंजनपुर से थी। यश को लोग राने को ढूंढने के लिए आए हुए थे। इनके हाथ में हथियार देखकर जब लोग भागने लगे तो उन्हें शक हुआ की ये यश राने के लड़के है। इसी कारण उन्होंने चाकूबाजी की घटना कीए जबकि सभी राहगीर थे। आरोपियों को रात को ही जिला अस्पताल परिसर में पकड़ लिया गया था। उनके खिलाफ हत्या का प्रयास लूट, आम्र्स एक्ट का मामला दर्ज है। इसके अलावा नौ और मामले आरोपियों पर दर्ज किए गए है। पुलिस के मुताबिक आरोपी रोशन उर्फ रोसू गंज थाने का निगरानीशुदा अपराधी है। उसके ऊपर गंज थाने में शुभम पवार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। वहीं, निहाल पर चोरी के मामले दर्ज है। तीनों एक ही गैंग के है। इनमें रोसू आदतन चोर है, जिस पर गंज, कोतवाली, मुल्ताई, आमला थाना में 20 से 22 मामले दर्ज है। इन दोनों गैंग में विवाद चल रहा है। यश 376 के मामले में कुछ दिन पहले ही जेल से छूट कर आया है।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से एक सवाल
सिद्धार्थ को दण्ड और निश्चल को इनाम !!!
बैतूल, जिले में बढ़ते अपराधो के बावजूद जिला मुख्यालय पर छै आदिवासी युवको तीन आदतन अपराधियो ने बेरहमी से चाकूओ से गोद डाला लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार भारत सरकार के जनजातिय मामलो के राज्यमंत्री के गृह जिले में ही नही बल्कि उनके निवास को जाने वाली मुख्य सड़क पर हुई दर्दनाक शर्मसार कर देने वाली इस गंभीर घटना पर अभी तक पुलिस कप्तान से लेकर पुलिस थाना प्रभारी पर कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। जहां एक ओर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा सरकार की कथनी एवं करनी उजागर हुई है वही दुसरी ओर पुलिस विभाग के आला अफसरो पर भी सवाल उठाने लगे है कि आखिर वे बैतूल के मामले में इतने लापरवाह क्यों है..? मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले के अनेक सामाजिक , राजनैतिक एवं सेवाभावी संगठनो के पदाधिकारियो ने पत्रकारो से अनौपचारिक चर्चा करते हुए जिले की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है। जिले की जागरूक जनता यह जानना चाहती है कि इस वर्ष लोकसभा चुनाव के पूर्व फरवरी माह में एक आदिवासी की कई महीने पूर्व नंगा करके पिटाई करने वायरल वीडियो के सामने आने के बाद इस मामले में पुलिस कप्तान सिद्धार्थ चौधरी को बैतूल से छिन्दवाड़ा पहुंचा सकती है, ऐसे में बैतूल पुलिस कप्तान निश्चल झारिया पर अभी तक मेहरबानी बनाए रखने की वजह क्या है..? कहीं जिले के सासंद एवं सरकार भारत सरकार के जनजातिय मामलो के राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके चुनाव न हार जाए इसलिए आदिवासी समाज का आक्रोष को शांत करने एवं विपक्षी कांग्रेस पार्टी का मुंह बंद करने के लिए पूर्व कप्तान सिद्धार्थ चौधरी को बैतूल से हटाया गया था। इस बार ऐसा कोई चुनाव नहीं है इसलिए एक दो नहीं बल्कि छै आदिवासियो को बेरहमी से चाकूओ गोदने के मामले में मध्यप्रदेश की सरकार मौनी बाबा बनी हुई पुलिस कप्तान से लेकर थाना प्रभारी को अभयदान दे रही है।


