शिव एवम सिद्धि योग में निर्जला एकादशी 18 जून को
मनोज जैन नायक
यू तो हर माह दो एकादशी आती है एक माह के कृष्ण पक्ष तो दूसरी माह के शुक्ल पक्ष में इस प्रकार एक साल में 24 एकादशी आती है।कुछ लोग हर महीने की दोनो ही एकादशी का व्रत करते हैं। लेकिन ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का व्रत खास होता है।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से प्रसिद्ध है इस एकादशी के पुण्य की इतनी विशेषता शास्त्रों में बताई है कि व्यक्ति साल भर की एकादशी को व्रत नही रख सकता तो केवल ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की एक एकादशी को व्रत विधि पूर्वक रखने से पूरे साल की एकादशी के व्रत से ज्यादा पुण्य फल प्राप्त कर सकता है।
जैन ने कहा द्वादशी युक्त एकादशी व्रत ग्रहण करना चाहिए इस लिए इस वार 17 जून को एकादशी व्रत न रखकर 18 जून मंगलवार उदया तिथि और द्वादशी तिथि युक्त एकादशी व्रत किया जाएगा।
एकादशी तिथि प्रारंभ 17 जून रात 04:43 बजे से एकादशी समाप्त 18 जून मंगलवार प्रातः 06:24 बजे पर इसलिए 18 जून को एकादशी उदया तिथि द्वादशी युक्त होने से 18 को व्रत रहेगा इस का पारणा अगले दिन 19 जून को प्रातः 05:25 बजे से 07:28 बजे तक रहेगा। इस दिन काफी शुभ योग है शिव योग पूरे दिन इसके बाद सिद्धि योग रात 09:38 बजे से पूरी रात । इस एकादशी को भीम सेनी एकादशी भी कहते हैं यह विष्णु जी को अति प्रिय है इस की एक विशेषता यह भी है कि इस दिन व्रतार्थी पानी भी नहीं पीते इस लिए इस का नाम निर्जला एकादशी व्रत पड़ा