फर्जी दस्तावेजों से टेंडर हासिल करने के बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा
राजस्थान के जलदाय विभाग में फर्जी दस्तावेजों से टेंडर हासिल करने के बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. जलदाय विभाग के इंजीनियर्स और ठेकेदारों की सांठ-गांठ से पेयजल योजनाओं में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपए के टेंडर लिए गए हैं. विभाग में ग्रामीण पेयजल प्रोजेक्ट पर कार्य करने वाले मैसर्स मांगीलाल विश्नोई फर्म द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर करोड़ों रुपए के टेंडर हासिल करने का मामला उजागर हुआ है. यह खुलासा अजमेर अतिरिक्त मुख्य अभियंता द्वारा मैसर्स मांगीलाल विश्नोई फर्म के जमा कराए गए दस्तावेजों की जांच के बाद हुआ है.फर्जी दस्तावेजों से कारनामा करने वाली फर्म का मालिक अमरचंद विश्नोई ऑल राजस्थान कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन का अध्यक्ष भी है. विभागीय अधिकारियों पर एसोसिएशन के दवाब में फर्म ने जलदाय विभाग में टेंडर लेने के लिए मशीनों के दस्तावेज जमा कराए थे. लेकिन परिवहन विभाग कार्यालय में इन मशीनों का रजिस्ट्रेशन 2009 के बाद से नहीं हुआ है. भीलवाड़ा जिला परिवहन अधिकारी द्वारा दी गई रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है की मैसर्स मांगीलाल विश्नोई फर्म द्वारा जमा कराई मशीनों का रजिस्ट्रेशन 14 साल से नहीं हुआ है. फर्म ने टेंडर हासिल करने के लिए 29 साल पुरानी कबाड़ हो चुकी मशीनों के सिर्फ दस्तावेज जमा करवाकर विभाग में बड़ी संख्या में टेंडर लिए थे.
मैसर्स मांगीलाल विश्नोई फर्म के फर्जी दस्तावेजों की शिकायत जलदाय विभाग प्रशासन तक पहुंचने के बाद विभाग ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. जांच के आदेश होने पर फर्म के मालिक अमरचंद विश्नोई ने जलदाय प्रशासन से अपील की थी कि मामले की जांच संयुक्त सचिव स्तर पर की जाए जिसे प्रशासन ने खारिज कर दिया है. जलदाय विभाग ने फर्म द्वारा जाली दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त किए गए सभी टेंडरों की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है.