Religion

छह ग्रहों के संयोग में हाथी की सवारी पर मां दुर्गा, इंद्र योग में अच्छी वर्षा होगी

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मनोज जैन नायक

चैत्र नवरात्र 30 मार्च रविवार से प्रारंभ होने जा रहे हैं बसंत नवरात्रा। दरअसल नवरात्र में माता की सवारी का विशेष महत्व होता है इस बार रविवार को गुड़ी पड़वा बसंत नवरात्र प्रारंभ होंगे।
मां की सवारी हाथी होगी वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि जब माता रानी की सवारी हाथी होती है तो आने वाले वर्षा काल में वर्षा अच्छी होती है। खेती अच्छी होती है। देश में अन्न और धन के भंडार बढ़ेंगे और देश का नागरिक सुख समृद्धि पूर्वक रहेगा। इस वर्ष के संवत्सर के राजा और मंत्री दोनों ही सूर्य हैं। इस वर्ष नवरात्र नौ दिन के ना होते हुए 8 दिन के ही हैं क्योंकि तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण दूसरा और तीसरा नवरात्र एक ही दिन है।
चैत्र मास का 9 दिनों तक चलने वाला नवरात्री त्योहार देवी दुर्गा और उनके विभिन्न रूपों की पूजा के लिए समर्पित है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिनिधित्व करते हैं। भक्त 9 दिनों तक बड़ी भक्ति और समर्पण के साथ मां के नौ रूपों का पूजन करते हैं व्रत करते हैं।चैत्र नवरात्रि को आध्यात्मिक नवीनीकरण, शुद्धिकरण और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह एक शुभ समय माना जाता है अंधकार पर प्रकाश की धर्म पर अधर्म की और ज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के भक्त कई तरह से पूजा अनुष्ठान करते हैं जिसमें परंपरागत तरीके से व्रत, उपवास, प्रार्थना, ध्यान और देवी दुर्गा के प्रति समर्पित रहते हैं। प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा से जुड़ा महोत्सव है जिसे नवदुर्गा के नौ रूप में जाना जाता है इन स्वरूप में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी ,मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, कालरात्रि ,मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा अलग-अलग दिन की जाती है।


चैत्र नवरात्र घट स्थापना मुहूर्त :
30 मार्च रविवार को प्रात सूर्योदय से दोपहर 12:49 बजे तक घट स्थापना करने के लिए पूरा समय है।इस में सूर्योदय समय और प्रातः 06:26 बजे से 10:26 बजे तक प्रथम शुभ व श्रेष्ठ मुहूर्त है दूसरा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00बजे से 12:48 बजे तक रहेगा।

ग्रहों का इस दिन विशेष संयोग रहेगा
जैन ने बताया इस दिन इस बार छह ग्रह मीन राशि में इकठ्ठे होंगे सूर्य,चंद्रमा,बुध,शुक्र,शनि, राहु ऐसा संयोग 21 भी सदी में पहली बार देखने मिलेगा। आने वाले समय में इस संवत्सर में आंधी,तूफान,अग्नि की घटनाएं बढ़ेगी भारत सहित दक्षिण पश्चिम देशों में भूकंप का प्रकोप बार बार होगा। इस साल अष्टमी तिथि का कन्या पूजन 05 अप्रैल शनिवार के दिन और नवमी तिथि का कन्या पूजन 06 अप्रैल रविवार के दिन होगा।

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