अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा: पहले भगवान देखेंगे अपना चेहरा
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में पूजा कार्यक्रम के लिए आचार्यों की तीन टीमों का गठन किया गया है. पहली टीम की अगुवाई स्वामी गोविंद देव गिरी करेंगे. आचार्यों की दूसरी टीम का नेतृत्व कांची कामकोटि शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती करेंगे. इसके अलावा तीसरी टीम में काशी के 21 विद्वान रहेंगे. प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त गर्भगृह का परदा बन्द रहता है. पट्टी हटाने के बाद मूर्ति को आइना दिखाते हैं, जिससे कि सबसे पहले खुद भगवान अपना चेहरा देख सकें. अयोध्या में अगले महीने होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले शहर की एक प्रमुख सड़क को सूरज की थीम वाले ‘सूर्य स्तंभों’ से सजाया जा रहा है. तीस फुट ऊंचे प्रत्येक स्तंभ में एक सजावटी गोला है, जो रात में लाइट जलने पर सूर्य जैसा दिखता है. उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अयोध्या संभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसे 40 स्तंभ ‘धर्म पथ’ मार्ग पर लगाए जाएंगे, जो नया घाट के पास लता मंगेशकर चौक को अयोध्या बाईपास से जोड़ता है.जनवरी में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या में राम पथ और अन्य प्रमुख सड़कों पर स्थित दुकानों के शटरों को हिंदू प्रतीकों की कलाकृतियों से सजाया गया है. इन कलाकृतियों में मंदिर की आकृति के साथ जय श्री राम के नारे और स्वास्तिक चिन्ह शामिल हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 22 जनवरी को होने वाले ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए शहर को सजाने के प्रयासों के तहत स्थानीय अधिकारियों ने इस कार्य को अंजाम दिया है.