रामलला से पहले होंगे भक्तों को पवनपुत्र के दर्शन
जनवरी में प्रभु राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होकर दिव्य दर्शन देंगे. लेकिन इसके पहले कुछ और कवायद भी की जा रही है. ऐसी योजना है कि मंदिर में भगवान रामलला के दर्शनों से पहले भक्तों को पवनपुत्र के दर्शन मिलेंगे.
गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान चालीसा में लिखा है “राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे” अर्थात धर्मनगरी अयोध्या में जब कोई भक्त रामलला के दर्शन करने आता है तो उसे सबसे पहले हनुमानजी का दर्शन करना होता है. उनकी आज्ञा के बाद ही भक्तों को रामलला के दर्शन मिलते हैं. शायद यही वजह है कि अब भगवान रामलला के अनन्य सेवक हनुमानजी की भी स्थापना मंदिर में की जाएगी. तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर के प्रवेश द्वार पर हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी में है.
गर्भगृह की सीढ़ियों पर होगी प्रतिमा
धार्मिक मान्यता है कि श्रीराम के दर्शन से पहले हनुमानजी से अनुमति लेनी पड़ती है और इसी क्रम में कलयुग के राजा हनुमानजी की प्रतिमा की स्थापना राम मंदिर के प्रवेश द्वार यानी गर्भगृह की सीढ़ियों पर की जाएगी. हालांकि, सनातन संस्कृति से जुड़े हुए तमाम प्रतीक और भी राम मंदिर की सीढ़ियों पर बनाए जाएंगे, जिसमें दो सिंह के साथ दो हाथी और हनुमानजी व गरुड़ की प्रतिमा होगी, जो मंदिर की सीढ़ियों पर दाएं और बाएं ओर लगाई जाएगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की मानें तो जिस पत्थर से प्रभु राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है, उन्हीं पत्थरों से इन सभी प्रतिमाओं का निर्माण किया जाएगा.