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भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव 10 अप्रैल को मनाया जाएगा

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मनोज जैन नायक

जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव 08 अप्रैल से 10 अप्रैल तक विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक आयोजनों के साथ हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाएगा ।
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव चैत्र शुक्ल त्रयोदशी तदनुसार 10 अप्रैल को विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया जा रहा है।
महोत्सव की रूपरेखा तैयार करने हेतु विगत दिवस जैन समाज की आम पंचायत में राजेंद्र जैन दयेरी वाले को मुख्य संयोजक एवं मुकेश जैन पलपुरा को संयोजक मनोनीत किया गया । आम पंचायत में सर्वसम्मति से तय हुआ कि भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव को 08 अप्रैल से 10 अप्रैल तक तीन दिवसीय आयोजन के रूप में मनाया जाएगा ।
महोत्सव को भव्यता प्रदान करने बाबत आयोजन समिति के मुख्य संयोजक राजेंद्र जैन दयेरी एवं संयोजक मुकेश जैन पलपुरा ने व्यवस्थाओं को दृष्टिगत रखते हुए एक समिति का गठन किया है । जिसमें जुलूस व्यवस्था, भोजन व्यवस्था, मंच व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था, प्रचार प्रसार व्यवस्थाओं सहित अन्य व्यवस्थाओं के पृथक पृथक संयोजक मनोनीत किए हैं।
श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती बड़ा मंदिर कमेटी के निर्देशन में श्री महावीर स्वामी जन्म कल्याणक महोत्सव समिति द्वारा आयोजित महोत्सव के प्रथम दिन 08 अप्रैल को शाम 07 बजे जन जागरण श्री जिनवाणी धर्म यात्रा निकाली जाएगी । उक्त यात्रा बड़े जैन मंदिर से प्रारंभ होकर लोहिया बाजार, पुल तिराहा होती हुई पुराना कलेक्ट्रेट स्थित कीर्तिस्तंभ पहुंचेगी । उपस्थित सभी बंधुओं द्वारा कीर्तिस्तंभ पर 48 दीपकों द्वारा श्री भक्तांबर महाअर्चना की जाएगी । महोत्सव के द्वितीय दिन 09 अप्रैल को प्रातः 05 बजे बड़े जैन मंदिर से नगर के प्रमुख मार्गों पर प्रभात फेरी निकाली जाएगी । प्रातः 07 बजे बड़े जैन मंदिर में भगवान महावीर स्वामी विधान होगा एवं शाम 07 बजे इंद्र सभा, कुंडलपुर नगरी की स्थापना, सोलह स्वप्न दर्शन एवं सांस्कृतिक आयोजन होगे । तृतीय दिन 10 अप्रैल को प्रातः 07 बजे भगवान महावीर स्वामी को रथ पर विराजमान कर भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी । रथयात्रा नगर के प्रमुख मार्गों पर भ्रमण कर बड़ा जैन मंदिर पहुंचेगी । बड़े जैन मंदिर में भगवान को पाण्डुक शिला पर विराजमान कर कलशाभिषेक किए जायेगे । तत्पश्चात सकल जैन समाज के लिए वात्सल्य भोज का आयोजन किया गया है ।
भव्य एवं विशाल रथ यात्रा चल समारोह में इंद्रगढ़ विशेष परिधान में रथ पर सवार भगवान महावीर स्वामी पर चवर ढ़ुराते हुए जय जयकार करेंगे । जैन सिद्धांतों पर आधारित झांकियां, बैंड, ढोल नगाड़े, घोड़ा, पचरंगी ध्वज, सफेद पोशाक में पुरुष एवं केसरिया साड़ी में महिलाएं शोभायमान रहेगी । स्थान स्थान पर भगवान महावीर स्वामी की आरती उतारी जाएगी और चल समारोह की भव्य अगवानी की जाएगी ।
महावीर जन्म कल्याणक का महत्त्व
जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हुए हैं । जैनागम के अनुसार भगवान ऋषभदेव को प्रथम तीर्थंकर एवं भगवान महावीर स्वामी को 24वें यानिकि अंतिम तीर्थंकर माना गया है । जैन दर्शन में महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव का एक विशेष महत्व है । प्रत्येक बर्ष सभी जैन धर्मावलंबी अत्यंत ही हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाते हैं। भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हुए । भगवान महावीर स्वामी का जन्म आज से लगभग 2623 वर्ष पूर्व राजा सिद्धार्थ के परिवार में माता त्रिशला की कोख से ग्राम कुंडलपुर में हुआ था । वर्तमान में ग्राम कुंडलपुर बिहार प्रांत के वैशाली जिले में स्थित है । भगवान महावीर स्वामी ने 30 वर्ष की अल्पायु में सांसारिक मोह माया और राज वैभव का त्यागकर, आत्म कल्याण एवं पर कल्याण हेतु जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण कर कठोर तप किया । आपने अपने जीवन काल में सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्मचर्य का सदुपदेश देकर जियो और जीने का संदेश दिया । 12 वर्ष की कठोर तपस्या के बाद लगभग 2551 वर्ष पूर्व कार्तिक कृष्ण अमावस्या को भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई ।

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