योगशास्त्रे चित्तस्वरूपं संस्कारविज्ञानञ्च विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन हुआ
महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन के योग विभाग के तत्त्वावधान में आभासीय पटल के माध्यम से योगशास्त्रे चित्तस्वरूपं संस्कारविज्ञानञ्च इस विषय पर दिनांक 4 मई को सायं 4 बजे से विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया। मुख्यवक्त्री के रूप में डॉ. अञ्जना शर्मा,एसोसिएट प्रोफेसर संस्कृत-दर्शन-एवं-वैदिक अध्ययन विभाग, वनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान ने अपने व्याख्यान में पातञ्जल योगदर्शन में वर्णित चित्त की अवधारणाएं एवं चित्तवृत्तियों के प्रकार को परिभाषित किया। उन्होंने अष्टांग योग के उद्धरण प्रस्तुत करते हुए चित्त स्वरूप एवं संस्कार विज्ञान पर सारगर्भित वक्तव्य प्रदान किया। संरक्षक, कुलगुरु प्रो.विजयकुमार सीजी ने योग जैसे जीवनोपयोगी विषय पर व्याख्यान आयोजित करने हेतु विभाग को शुभकामनाएं प्रदान की। मार्गदर्शक कुलसचिव प्रो.दिलीप सोनी ने व्याख्यान के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं प्रदान की। सत्राध्यक्ष योग विभागाध्यक्षा डॉ.पूजा उपाध्याय ने कहा कि योग के प्रायोगिक पक्ष के साथ ही दार्शनिक पक्ष को भी जानने की अवश्यकता है । स्वागत भाषण डॉ. वरुण आहूजा ने संचालन सुश्री ईशा पाटीदार एवं आभार श्री रघुवीर पटेल ने माना। व्याख्यान कार्यक्रम में आभासीय पटल जूम एप के माध्यम से छात्र- शोधछात्र, विभागाध्यक्ष, अध्यापक एवं अन्य लोगों ने जुड़कर व्याख्यान श्रवण किया । कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।