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महारासलीला देखने शिवजी बन गए थे सखी

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राजकुमार सोनी

भोपाल। शिव मंदिर राजीव नगर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास पीठ से वृंदावन के नीरज नयन महाराज ने श्रीकृष्ण और रुकमणि के विवाह की ज्ञानमयी अमृत वर्षा का श्रद्धालुओं को रसपान कराया। भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन किया। कथा वाचक नीरज नयन महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए। जब श्रीकृष्ण ने शिवजी को यह कहकर लौटा दिया कि महारास में सिर्फ गोपियां ही शामिल हो सकती है, तब भोलेनाथ ने सखी का रूप धारण कर महारास में शामिल हो गए। बाद में शिवजी गोपेश्वर कहलाये। मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए। जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई। कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया? गोपी उद्धव संवाद, श्री कृष्ण एवं रुकमणी विवाह उत्सव पर मनोहर झांकी प्रस्तुत की गई। भगवान श्री कृष्ण रुकमणी जी के समस्त श्रद्धालु भक्तजनों ने शादी का आंनद लिया। नीरज महाराज ने गुप्तदान, एकादशी व्रत की महत्ता भी बताई। आज श्रीमद् भागवत कथा का सातवां दिन पूर्ण होने पर हवन पूजन और भंडारे का आयोजन किया जाएगा। भागवत कथा में गणेश पार्क दुर्गा उत्सव समिति के अध्यक्ष सुनील नारायणी, विकास मिश्रा, मनोहर रघुवंशी, पंडित दीक्षित, राजू कनेरे,विजय कावड़कर,आशीष रघुवंशी,बाबू सचान व प्रवीण सराठे उपस्थित रहे।

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