Delhi

विश्व एनटीडी दिवस के उपलक्ष्य में चलाया गया रोशनी अभियान, दिल्ली में इंडिया गेट को बैंगनी और गुलाबी रंग की चमकीली रोशनी से जगमगाया गया

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भारत ने वर्ल्ड नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज (एनटीडी) दिवस मनाया। इस विशेष अवसर पर एक रोशनी अभियान चलाया गया, जिसमें एनटीडी को खत्म करने के लिए देश की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए इंडिया गेट को बैंगनी और गुलाबी रोशनी से जगमगाया गया। यह पहल इन बीमारियों और उनसे निपटने के भारत के प्रयासों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई थी।
इंडिया गेट पर यह कार्यक्रम शाम 6:30 बजे शुरू हुआ और इसमें एक इनोवेटिव पब्लिक इंगेजमेंट कार्यक्रम आयोजित किया गया। इंडिया गेट पर रोशनी के साथ नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए गए, जिसमें लिम्फैटिक फाइलेरियासिस (हाथी पांव), विसरल लीशमैनियासिस (कालाजार) और कुष्ठ रोग सहित कई नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज (एनटीडी) पर प्रकाश डाला गया। इन प्रदर्शनों ने रचनात्मक रूप से एनटीडी फैलने के बारे में जानकारी दी, जिससे यह कार्यक्रम दर्शकों के लिए शानदार और यादगार बन गया।

यह कार्यक्रम स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के NHM की एडिशनल सेक्रेटरी एवं मिशन डायरेक्टर सुश्री आराधना पटनायक, डायरेक्टर डॉ. तनु जैन और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) की ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. छवि पंत जोशी की उपस्थिति में आयोजित किया गया। उनकी भागीदारी ने इस प्रभावशाली सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल को आगे बढ़ाने में सहयोगपूर्ण नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के इन्फेक्शियस डिजीजेज & वैक्सीन डिलीवरी के डेप्युटी डायरेक्टर ने डॉ. भूपेंद्र त्रिपाठी ने कहा, “यह रोशनी अभियान उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (एनटीडी) पर एक महत्वपूर्ण प्रकाश डालता है क्योंकि अक्सर ऐसी बीमारी नजरअंदाज कर दी जाती हैं। हाथी पांव, कालाजार और अन्य एनटीडी हमारी लाखों आबादी को प्रभावित करती हैं, हालांकि इन बीमारियों को होने से रोका जा सकता है। इंडिया गेट जैसे प्रतिष्ठित स्थल को रोशन करना और ‘नुक्कड़ नाटक’ और अन्य रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से लोगों से संपर्क करना निश्चित रूप से एनटीडी के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा। इन गतिविधियों से यह जागरूकता फैलाई जा रही है कि कैसे ये बीमारियां सबसे कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को कैसे प्रभावित करती हैं और इन बीमारियों को खत्म करने की दिशा में सामूहिक रूप से कैसे काम किया जा सकता है। भारत के लक्षित रोग उन्मूलन कार्यक्रमों ने बेहतर स्वच्छता और मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ मिलकर यह दर्शाया है कि इन एनटीडी का उन्मूलन संभव है। यह अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए क्रॉस-सेक्टरल सहयोग की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है कि कोई भी इन रोके जा सकने वाली बीमारियों से पीड़ित न हो और हम एक स्वस्थ तथा ज्यादा न्यायसंगत भविष्य तैयार करें।”

NCVBDC (नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल) के पूर्व डायरेक्टर डॉ. नीरज ढींगरा ने कहा, “भारत में हाथी पांव और कालाजार जैसे एनटीडी के उन्मूलन का उपाय निरंतर हस्तक्षेप, मजबूत निगरानी, एकीकृत वेक्टर प्रबंधन और सामुदायिक भागीदारी से संभव है। इस जागरूकता अभियान ने इस सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को जताने में एक महत्वपूर्ण काम किया है। ‘Unite. Act. Eliminate,’ दृष्टिकोण इस तथ्य पर जोर देता है कि एनटीडी केवल एक स्वास्थ्य संबंधी चिंता नहीं है, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय कारकों से गहराई से जुड़ी हुई है। प्रतिबद्ध और समर्पित नेतृत्व, अभिनव रणनीतियों और सामूहिक कार्रवाई के साथ भारत इन बीमारियों को खत्म करने और सभी के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए तैयार है।”
यह अभियान सामुदायिक भागीदारी और सहयोग के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए भारत की प्रतिबद्धता का स्पष्ट उदाहरण है। यह नेताओं, विशेषज्ञों और समुदायों को उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (एनटीडी) से निपटने और ‘Unite. Act. Eliminate’ थीम को बनाए रखने के लिए एकजुट होने के लिए कार्रवाई का आह्वान करता है।

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