Madhya Pradesh

बैतूल जिले में साहूकारो, सूदखोरो का आंतक बनते जा रहा मौत का कारण

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रामकिशोर दयाराम पँवार

बैतूल, जिले के भाजपा सुशासन में कैसे दिन देखने को मिल रहे है यह तो भाजपाई ही बता सकते है लेकिन जिले के गांव – गांव और शहर – शहर में कुकुर मुत्तो की तरह ऊग आए ब्याजखोर, सूदखोर, साहुकारो एवं उनके रंगबाजो का जलजला कायम है। जिले में पैसे – पैसे ने एक दो नहीं बल्कि एक माह में तीन लोगो की जाने ले ली है उसके बाद भी जिले के माननीय जनप्रतिनिधियो को जिले की पुलिस से और न प्रशासन से कोई शिकायत है। जिला का पुलिस यदि अपने दफ्तरो में आने वाले ऐसे आवेदनो पर त्वरीत कार्रवाई कर लिया होता तो आज जिले में तीन महिलाओ का सुहाग यूं न छिन लिया जाता। एक माह में तीसरी आत्महत्या के बाद भी बैतूल जिले में यदि कानून व्यवस्था ठीक – ठाक है तो जिले के दोनो आला अफसरो को जिला मुख्यालय पर बैण्ड बाजो के साथ सम्मान दिया जाना चाहिए..? हाल ही में एक सरपंच पति और पूर्व सरपंच ने सूदखोरों से परेशान होकर बीते सोमवार को फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। उसने एक पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें पांच लोगों पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। उसने लिखा इन्होंने मेरी जमीन बिकवा दी, इतनी मानसिक प्रताडऩा दी कि मुझे मरना पड़ा रहा है। घटना चिचोली थाना इलाके की है। सेहरा गांव की सरपंच श्रीमती ममता धुर्वे के पति मकल सिंह सोमवार को फंदे पर लटका मिला। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी और शव को फंदे से नीचे उतारा। गांव के अजीत सिंह उईके ने बताया कि एक पेज का सुसाइट नोट मिला है, जिसमें लिखा है कि कुछ सूदखोरों द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा था। इसमें चिचोली और मलाजपुर के दो लोगों के नाम हैं। जबकि एक अन्य व्यक्तिसे उन्हें एक लाख से ज्यादा की रकम लेना है। एएसपी कमला जोशी ने बताया कि सोमवार सुबह 11 बजे चिचोली थाने में सूचना मिली थी कि मकल सिंह ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी। फिलहाल मामला एकदम प्राथमिक जांच में है। इसलिए आत्महत्या का कारण सामने नहीं आया है। एक पेज मिला है, जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि यह सुसाइड नोट है या किसी और ने लिखा है। जांच अधिकारी प्रीतम सिंह ने बताया कि पुलिस बल जब मौके पर पहुंचा। परिजन शव को फंदे से उतार चुके थे। जेब से सुसाइट नोट बरामद किया गया है, जिसकी जांच की जा रही है। सुसाइट नोट में 10 अक्टूबर की तारीख दर्ज है, जिसमें कुछ लोगों पर प्रताडऩा का आरोप हैं। सुसाइट नोट में लिखा है कि मैं मकलसिंग धुर्वे झबली धुर्वे आत्महत्या कर रहा हूं। जिसका कारण कर्ज से परेशान होना है, मुझे मानसिक प्रताडि़त करने वाले मलाजपुर के सूदखोर को मैंने सूद समेत पैसे दिए। इसके बाद भी मेरे ऊपर एक लाख पचास हजार रुपए निकाल दिया और मुझे बहुत परेशान कर रहा है। इसने मेरी एक एकड़ बीस डिसमिल जमीन भी बिकवा दी। चिचोली के रहने वाले दूसरा सूदखोर को पैसे देने के बाद भी मुझ पर एक लाख बीस हजार रुपए का ब्याज जोड़ दिया और परेशान कर रहा था। चिचोली के ही रहने वाले तीसरे व्यक्ति से मुझे एक लाख दस हजार रुपए लेना था, जो मुझे मिला नहीं। मानसिक रूप से प्रताडि़त होकर मैं जान दे रहा हूं। पुलिस ने खबर लिखे जाने तक किसी प्रकार के सुसाइट नोट मिलने की पुष्टि पुलिस नहीं की है, जिसके चलते उन लोगो के नाम उजागर नहीं किए गए है। जानकार सूत्रो का कहना है कि मृतक की एवं उसकी पत्नि को आने वाने मोबाइल काल की डिटेल से कई ऐसे नाम उजगार हो सकते है जो मृतक के करीब थे।
मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में रुपए के लेनदेन, सूदखोरी, बीसी की रकम की अदायगी को लेकर एक महीने के भीतर यह तीसरी आत्महत्या है। जिसमें एक पंवार, दुसरा कुंबी तीसरा आदिवासी समाज से आता है। पहली घटना 10 सितंबर 2024 को डब्ल्यू सी एल कर्मचारी अनिल खवसे ने आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने सुसाइट नोट में कुछ लोग द्वारा रुपए के लेनदेने को लेकर परेशान करने का जिक्र किया था। सुसाइट नोट के आधार पर 7 लोगों के खिलाफ पुलिस ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया था। अनिल की आत्महत्या के बाद उसके दोस्त और भाजपा मंडल उपाध्यक्ष रविंद देशमुख ने भी 7 अक्टूबर को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उसने भी सुसाइट नोट छोड़ा था, जिसके आधार पर पुलिस ने रंजीत सिंह के साथ 10 लोगों को आरोपी बनाया है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे हेमंत सरेयाम बताते हैं कि जिले में साहूकारी अधिनियम के तहत कुछ बंदिशे हैं, जिसका पालन किया जाना जरूरी है। अनुसूचित क्षेत्रों में किसी को भी ब्याज से रुपए नहीं दिया जा सकता फिर भी इस तरह की घटनाएं सामान्य और अनुसूचित क्षेत्रों में सामने आ रही है। इस मामले में भी यही हुआ। पूर्व सरपंच ने कर्ज लिया था, जिसे प्रताडि़त किया जा रहा था।

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