उपाध्याय श्री विरंजन सागर के सानिध्य में हुआ अधिवक्ता सम्मेलन
मनोज जैन नायक
जैन संत उपाध्याय श्री विरंजन सागर जी महाराज के पावन सान्निध्य में अधिवक्ता सम्मेलन आयोजन जबलपुर में संपन्न हुआ ।
आज का सदन पूज्य गुरुदेव के मंगल प्रवेश से शुरू हुआ और सत्र प्रारंभ हुआ उसके साथ ही मढिया जी जबलपुर के आराध्य मूलनायक भगवान पदमप्रभु के साथ साथ आचार्य श्री विद्यासागर एवं आचार्य श्री विराग सागर जी मुनिराज का चित्र अनावरण द्वीप प्रज्वलन मुख्य अतिथि के द्वारा किया गया। मंच का संचालन अनिल जैन सागर, डॉ. निधि जैन तारबाबू, एडवोकेट मनीष जैन के द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में आई एडवोकेट रश्मि ऋतु सागर ने सभी को उद्बोधन दिया, साथ ही पूज्य गुरुदेव के पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट कर मंगल वाणी को सुनने हेतु निवेदन किया। गुरुदेव ने प्रवचन के माध्यम से सभी वकील भाइयों को कहा कि हमारे तीर्थ क्षेत्र मंदिरों पर कब्जा की स्थिति दिन प्रतिदिन बनती जा रही है , जो कि हमारे लिए न कि वर्तमान स्थिति को खराब करने वाली है बल्कि भविष्य में पुरानी धरोहर संपदा को भी नष्ट कर रही है। हम जैन समाज में इतने तादाद में वकील है जज है, हर क्षेत्र में कोई न कोई अधिकारी है परंतु हम में से कोई भी इस कार्य में अपना योगदान नहीं दे रहा है। यदि आगे भी ऐसा चलता रहा तो हमारे तीर्थ मंदिर कुछ भी नही होंगे। इसके लिए सबसे पहले अपनी मानसिकता को एक करना होगा। धर्म से जुड़ना होगा। साधुवाद पंथवाद को खत्म कर हम सिर्फ जैन है और हमारी जैन समाज एक है। किसी भी जैन समाज पर कोई आपत्ति विप्पति आती है तो हम एक होकर के खड़े है। साधु तो एक मर्यादा के बंधन से बंधा होता है परंतु आप लोगो को किसी बंधन से बंधने की आवश्यकता नहीं है। इसी के साथ ही सभी वकील भाइयों का सम्मान चातुर्मास सेवा समिति एवं पिसनहारी मढिया ट्रस्ट के द्वारा किया गया और सभी वकील भाइयों ने पूज्य गुरुदेव के समक्ष यह संकल्प लिया कि आगे कभी भी तीर्थ क्षेत्र मंदिर या किसी जैन गरीब परिवार के उपर कोई आपत्ति आयेगी तो हम उसके लिए उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है। इसके लिए हम एक कमेटी गठित कर रहे है और एक कार्यालय बनाकर ऐसे कार्य के लिए आगे आएंगे।