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वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर सियासत तेज: कमलनाथ बोले मैं नहीं मानता कि वन नेशन वन इलेक्शन प्रैक्टिकल तरीके से लागू हो पाएगा

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‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। इसे लेकर सियासत तेज हो चली है, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस प्रस्ताव पर ऐतराज जताया है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा कि, पीएम मोदी के पास कुछ बचा नहीं है। इसलिए वो इस तरह के कदम उठा रहे हैं। वो केवल और केवल राहुल गांधी की झूठी आलोचना कर रहे है। मैं नहीं मानता कि वन नेशन, वन इलेक्शन प्रैक्टिकल तरीके से लागू हो पाएगा। मान लीजिए इस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ जाए और लोकसभा को भंग करनी पड़े तो वो क्या करेंगे। ये सबको उलझाने के लिए पीएम मोदी का एक खिलौना है।

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। समिति का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था। समिति ने 191 दिन तक राजनीतिक दलों तथा विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के बाद 18,626 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (18 सितंबर) को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोविंद समिति की सिफारिशों को मंजूरी मिली। वहीं वन नेशन, वन इलेक्शन प्रस्ताव की मंजूरी के बाद कांग्रेस नेता और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत कहा कि, ये व्यावहारिक नहीं है। क्या चुनी हुई राज्य सरकार को गिराया जाएगा? इस मुद्दे पर भाजपा के लोग ही बवाल मचाएंगे। चुनावी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ये चीजें लगातार की जाती हैं। उन्होंने आगे कहा कि “चुनावी मुद्दे अभी बेरोजगारी, महंगाई और असामाजिक असमानता है। तंज कसते हुए आगे कहा कि भाजपा के कुछ नफरती चिंटू हमारे नेता राहुल गांधी के खिलाफ हिंसा और नफरत की बात कर रहे हैं, उससे देश में आक्रोश है और इससे ध्यान भटकाने के लिए इसको लाया गया है। ये हॉट एयर बैलून हैं, जो समय-समय पर छोड़े जाते हैं।”

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