Madhya Pradesh

सिकल सेल रोग के लिए उचित आयुष औषधियों को करें चिन्हित

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राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि आयुष विभाग सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कार्य योजना तैयार करें। अभियान की गतिविधियों के लिए आवश्यक वित्तीय बजट का प्रावधान करें। गुरूवार 11 जुलाई को राज्यपाल श्री पटेल राजभवन में आयुष विभाग की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में सिकल सेल रोग उन्मूलन के प्रयासों में आयुष विभाग की प्रभावी भूमिका की व्यापक सम्भावनाएं हैं। प्रदेश में विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक औषधियों की प्रचुर मात्रा उपलब्ध है। जनजातीय समुदाय के रूप में पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान का समृद्ध भंडार मौजूद है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ इसे समायोजित किए जाने की आवश्यकता है। राज्यपाल श्री पटेल ने विभाग को निर्देशित किया कि जनजातीय बहुल इलाकों में शिविर लगाकर आयुर्वेद आधारित पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान के विशेषज्ञों के साथ सिकल सेल उपचार संबंधी जानकारियों को साझा करें। उनके अनुभवों और ज्ञान को संयोजित करें। सिकल सेल रोग के लिए उचित आयुष औषधियों को चिन्हित करें।

मंत्री आयुष श्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि विभाग द्वारा समेकित चिकित्सा की कार्य योजना तैयार की है। अन्य चिकित्सा पद्धतियों के साथ सामंजस्य के साथ रोग निदान प्रयासों में सहयोग किया जा रहा है। आयुष औषधियों की मेडिकल किट तैयार की गई है जिन रोगों के लिए एलोपैथी चिकित्सा पद्धति में उपचार औषधि उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से वंचित जनजातीय समूह (PVTG) विकास खंडों में राष्ट्रीय आयुष मिशन अंतर्गत आयुष मोबाइल युनिट गठित किया जाना प्रस्तावित है। प्रथम चरण में मंडला, बालाघाट में बैहर, डिंडोरी, अनूपपुर में पुष्पराजगढ़, शहडोल, उमरिया, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, छिंदवाड़ा में तामिया और ग्वालियर के डबरा में स्थापित की जाएगी।

जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर ने बताया कि प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया रोग की स्क्रीनिंग का कार्य तेज गति से प्रगतिरत हैं। अभी तक 55 लाख लक्षित आबादी की स्क्रीनिंग हो चुकी है। स्क्रीनिंग के दौरान 1 लाख 50 हजार रोगी अथवा वाहक चिन्हित किए गए हैं।

राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री मुकेशचन्द गुप्ता, प्रमुख सचिव आयुष श्री अनिरुद्ध मुखर्जी, राज्यपाल के अपर सचिव श्री उमाशंकर भार्गव एवं अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी एवं जनजाति प्रकोष्ठ के सदस्य मौजूद रहे।

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