Delhi

22वें भारत-रूस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे पीएम नरेंद्र मोदी

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यूक्रेन से हो रहे युद्ध के बीच यह पीएम मोदी की पहली रूस यात्रा होगी। इस दौरान पीएम मोदी 22वें भारत-रूस सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने प्रधानमंत्री की इस यात्रा को काफी अहम बताया है। मोदी की यह यात्रा रूस और यूक्रेन में चल रहे तनाव केबीच हो रही है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष विमान मॉस्को में उतरेगा तो वहां की ठंडी हवाओं में भी गर्मजोशी की एक अनोखी लहर महसूस होगी। हालांकि अभी तक पश्चिमी देशों के नेताओं ने मोदी की इस यात्रा के बारे में खुलकर कोई भी टिप्पणी नहीं की है। यूरोप और अमेरिका दोनों ही मोदी और पुतिन को एक साथ देखकर खु़श नहीं होंगे। तब जब कि पुतिन को लेकर दोनों का ही यह मानना है कि वही यूक्रेन में हमले से पैदा हुए यूरोपीय उथल-पुथल के जिम्मेदार हैं।मोदी की इस यात्रा का सबसे पहला मायना यह है कि यह दौरा यह संकेत देता है कि भारत और रूस के संबंधों में गर्मजोशी बरकरार है, भले ही दुनिया में कितना भी उतार-चढ़ाव हो.

यह दौरा भारत के उन प्रयासों को दर्शाता है जो वह अपने विदेश नीति में संतुलन बनाए रखने के लिए कर रहा है, खासकर चीन और अमेरिका जैसे बड़े खिलाडिय़ों के साथ। रूस और भारत के संबंधों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि रूस और चीन के बीच की दोस्ती बढ़ रही है, जो भारत का मुख्य प्रतिद्वंद्वी है। पीएम मोदी नरेंद्र मोदी दो दिन 9 एवं 10 जुलाई तक आस्ट्रिया का दौरा करेंगे।

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