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शहरी सड़कों पर जाम : क्या है इसका निदान

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राजकुमार जैन, यातायात प्रबंधन मित्र

क्या आपने कभी सोचा है कि सड़क पर लगने वाला जाम असल में सड़क से पहले हमारे मस्तिष्क में आरंभ होता है, जी हाँ, हमारी जल्दबाजी, अव्यवस्थित आदतें, और नियम तोड़ने की प्रवृत्ति ही सुगम यातायात की सबसे बड़ी बाधाएँ हैं। परंतु चिंता की कोई बात नहीं; कुछ छोटे-छोटे परिवर्तन करके हम न केवल सड़कों को सुगम बना सकते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी अधिक सुरक्षित और सरल बना सकते हैं।

समय का मार्जिन रखें: जल्दबाजी त्यागें, सुकून अपनाएँ
हर सुबह हम घड़ी से प्रतिस्पर्धा करते हैं। सड़क पर आते ही मन में केवल एक ही विचार होता है—”लाल बत्ती होने से पहले निकल लूँ!” परंतु यही जल्दबाजी हमें अनुचित मार्ग पर धकेल देती है। लाल बत्ती का उल्लंघन, गलत दिशा में वाहन चलाना, अथवा खतरनाक ढंग से ओवरटेक करना—ये सब हड़बड़ी के परिणाम हैं।

समाधान: घर से निकलते समय पर्याप्त समय का मार्जिन रखें। यदि आपको 9 बजे कार्यालय पहुँचना है, तो 8:30 बजे के लिए योजना बनाएँ। ये अतिरिक्त मिनट आपको सुकून और आत्मविश्वास प्रदान करेंगे। जब आप तनावमुक्त होंगे, तो न लाल बत्ती के उल्लंघन का विचार आएगा, न हॉर्न बजाने का और न ही अन्य वाहन चालकों पर क्रोध करने का।

एक कतार, एक राह:
क्या आपने कभी चींटियों को देखा है, वे कितनी अनुशासित होकर एक कतार में चलती हैं, बिना किसी को धक्का दिए! परंतु हम मानव, जैसे ही सड़क पर थोड़ी सी भी खाली जगह देखते हैं, अपना वाहन वहाँ घुसाने का प्रयास करने लगते हैं। परिणामतः, जाम विकट हो जाता है।

टिप्स: सड़क पर एक कतार में रहें। यदि प्रत्येक व्यक्ति अपनी लेन में चले और खाली स्थान को “शॉर्टकट” न समझे, तो यातायात का प्रवाह बना रहेगा।

धैर्य का प्रतिफल :
नगर में वाहनों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, और व्यस्त समय में सिग्नल पर दो से चार बार में नंबर आना अब सामान्य बात है। परंतु कुछ लोग इसे अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लेते हैं—”मैं क्यों रुकूँ?” सिग्नल तोड़ने की यह जल्दबाजी न केवल खतरनाक है, बल्कि दूसरों के लिए भी परेशानी का कारण बनती है।

लाल सिग्नल को अवरोध नहीं छोटा सा विश्राम समझें। इस समय में आप अपना पसंदीदा गीत सुन सकते हैं, गहरी साँस ले सकते हैं, अथवा आस-पास के वातावरण का अवलोकन कर सकते हैं। धैर्य रखें, सिग्नल पर रुकना केवल एक नियम नहीं, बल्कि आपकी और दूसरों की सुरक्षा का विषय है।

आवश्यकतानुसार ही वाहन का प्रयोग
प्रत्येक छोटे-मोटे कार्य के लिए वाहन का प्रयोग करना आजकल हमारी आदत बन गई है। पड़ोस की दुकान से दूध लाने के लिए भी कार, इस तरह हर बार वाहन निकालने से न केवल यातायात दबाव बढ़ता है, बल्कि पर्यावरण को भी क्षति पहुँचती है।

विकल्प: छोटे-मोटे कार्यों के लिए पैदल चलें अथवा साइकिल का उपयोग करें। यदि दूरी अधिक है, तो कार पूलिंग या सार्वजनिक परिवहन का सहारा लें। इससे सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा और आपके ईंधन का खर्च भी बचेगा।

दूसरों को देखकर नियम न तोड़ें
“अरे, वह तो लाल बत्ती तोड़कर निकल गया, मैं ही क्यों खड़ा रहूँ” यह सोच हमें नियम तोड़ने के लिए प्रेरित करती है। परंतु स्मरण रखें, गलत कार्य का अनुकरण करने से आप सही नहीं हो जाते।

क्या करें: यदि कोई गलत कर रहा है, तो उसे सुधारने का प्रयास करें, न कि उसका अनुसरण करें। आपका अनुशासन दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकता है।

लाल बत्ती पर अगले वाहन से दूरी बनाए रखें
कई बार हम सिग्नल पर रुकते समय अगले वाहन से सटकर खड़े हो जाते हैं, यह सोचकर कि इससे शीघ्र निकल जाएँगे। परंतु यह आदत न केवल खतरनाक है, बल्कि यातायात को और अधिक उलझा सकती है।

टिप्स: हमेशा अगले वाहन से उचित दूरी बनाए रखें। इससे न केवल आपकी सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि सिग्नल खुलने पर यातायात का प्रवाह भी सुचारु रहेगा।

चौराहे पर अनुशासन: आगे न बढ़ें
चौराहे पर कुछ लोग अपनी गाड़ी को आवश्यकता से अधिक आगे बढ़ा देते हैं, जिससे दूसरी दिशा से आने वाले वाहनों को परेशानी होती है। यह छोटी सी त्रुटि बड़ा जाम उत्पन्न कर सकती है।

समाधान: चौराहे पर अपनी गाड़ी को स्टॉप लाइन के पीछे ही रखें। इससे दूसरी दिशा का यातायात बाधित नहीं होगा और सिग्नल खुलते ही आप आसानी से आगे बढ़ पाएँगे।

निष्कर्ष: नियम पालन से बनाएँ सुगम एवं जाम रहित यातायात प्रवाह
यातायात नियम केवल कागजी कानून नहीं हैं; ये हमारी और दूसरों की सुरक्षा का आधार हैं। एक सिपाही की भाँति अपने देश के नियमों का पालन करना देशभक्ति भी है। अपनी आदतों में छोटे-छोटे बदलाव लाकर—जैसे समय पर निकलना, कतार में रहना, धैर्य रखना और आवश्यकता पड़ने पर ही वाहन निकालना—हम सड़कों को सुरक्षित और सुगम बना सकते हैं। आइए, आज से संकल्प लें कि हम न केवल नियमों का पालन करेंगे, बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। क्योंकि सड़क पर अनुशासन न केवल हमें सुरक्षित रखता है, बल्कि समाज में हमारा मान भी बढ़ाता है। स्मरण रखें: नियम पालन करें, सुकून से चलें!

वैसे भी यातायात नियमों का पालन करना शर्म की नहीं, गर्व की बात है।

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