मुझे उन लोगों से दिक्कत है, जो सोचते हैं कि दिल्ली ही हिंदुस्तान है, इसलिए पूरे देश में जी-20 की बैठकें आयोजित की गईं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन में ‘जनता की अध्यक्षता’ हो. इस आयोजन के लिए देश भर के दर्जनों शहरों ने मेजबानी की है. जिनमें पिछले साल से अब तक G-20 के प्रतिनिधियों ने संस्कृति से लेकर जलवायु परिवर्तन तक के विषयों पर चर्चा की. इस प्रक्रिया में वे भारत की जीवंतता और विविधता को देख सके. पीएम नरेंद्र मोदी ने मनीकंट्रोल को दिए गए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि ‘मुझे उन लोगों से दिक्कत है, जो सोचते हैं कि दिल्ली ही हिंदुस्तान है.’ इसलिए पूरे देश में जी-20 की बैठकें आयोजित की गईं. राज्यों में चाहे जिस किसी भी पार्टी की सत्ता हो, सभी ने इस विश्व स्तरीय आयोजन में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए एक-दूसरे के साथ होड़ की.
अब अन्य देश, जैसे ब्राजील या यहां तक कि अमेरिका भी जब भविष्य में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे, तो उनके लिए इस तरीके को अपनाना बहुत कठिन साबित हो सकता है. भारत ने एक अनूठे तरीके से जी-20 की अध्यक्षता को आगे बढ़ाया है. जिसमें सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को बेहतरीन स्वाद और शानदार अनुभवों की एक पूरी सीरिज पेश की गई है, जो भारत की वास्तविक प्रकृति है. यह बात पीएम मोदी को तब साफ हो गई, जब बुधवार को एक सुदूर गांव की एक छोटी लड़की ने उनकी कलाई पर ‘जी20 राखी’ बांधी. उसने यह राखी खुद बनाई थी और समझ गई थी कि जी-20 कोई भारी-भरकम हस्तियों का नहीं है बल्कि सभी का कार्यक्रम है.