विश्व में हिंदी ने भारत का मान बढ़ाया है – प्रो.जगदीश चंद्र शर्मा
डॉ.दिनेश चौबे
उज्जैन, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय ,उज्जैन के आधुनिक विभाग द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में 17 सितंबर को विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया। मुख्यवक्ता विक्रम विश्वविद्यालय, हिंदी अध्ययनशाला के प्रो.जगदीश चंद्र शर्मा ने हिंदी भाषा का सांस्कृतिक महत्व एवं हिंदी साहित्य में तुलसी ,सूर की रचनाओं पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि हिंदी ने भारत की सांस्कृतिक पहचान को विश्व भर में बढ़ाया है ।हिंदी अपनत्व के भाव को दर्शाती है। हिंदी साहित्य में युवा पीढ़ी को भी लेखन आदि में रुचि लेनी चाहिए।
अध्यक्षीय उद्बोधन प्रदान करते हुए कुलगुरु प्रो. विजय कुमार सीजी ने कहा कि हिंदी ने आज संपूर्ण विश्व में गहरी छाप छोड़ी है भारतीयों के साथ ही विदेशी भी हिंदी सीख रहे है । कई देशों में तो हिंदी विधिवत पाठ्यक्रम में समाहित की गई है। भारत में संवाद भाषा के रूप में हिंदी एक महत्वपूर्ण भाषा है जो उत्तर से दक्षिण पूर्व से पश्चिम तक बोली जाती है। कुलसचिव प्रो.दिलीप सोनी ने प्रतिस्पर्धी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए शुद्ध हिंदी प्रयोग हेतु प्रेरित किया ।स्वागत भाषण आधुनिक विभाग अध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार द्विवेदी ने प्रस्तुत किया।आशु भाषण, काव्य पाठ और निबंध प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न सांस्कृतिक स्पर्धाओं में विजित छात्रो को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम में डॉ. तुलसीदास परौहा, डॉ. पूजा उपाध्याय ,डॉ.उपेंद्र भार्गव एवं छात्र, शोधार्थी उपस्थित थे । संचालन डॉ अनीता अग्रवाल ने तथा आभार डॉ. नितिन तिवारी ने माना।,महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय ,उज्जैन के आधुनिक विभाग द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में 17 सितंबर को विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया। मुख्यवक्ता विक्रम विश्वविद्यालय, हिंदी अध्ययनशाला के प्रो.जगदीश चंद्र शर्मा ने हिंदी भाषा का सांस्कृतिक महत्व एवं हिंदी साहित्य में तुलसी ,सूर की रचनाओं पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि हिंदी ने भारत की सांस्कृतिक पहचान को विश्व भर में बढ़ाया है ।हिंदी अपनत्व के भाव को दर्शाती है। हिंदी साहित्य में युवा पीढ़ी को भी लेखन आदि में रुचि लेनी चाहिए।
अध्यक्षीय उद्बोधन प्रदान करते हुए कुलगुरु प्रो. विजय कुमार सीजी ने कहा कि हिंदी ने आज संपूर्ण विश्व में गहरी छाप छोड़ी है भारतीयों के साथ ही विदेशी भी हिंदी सीख रहे है । कई देशों में तो हिंदी विधिवत पाठ्यक्रम में समाहित की गई है। भारत में संवाद भाषा के रूप में हिंदी एक महत्वपूर्ण भाषा है जो उत्तर से दक्षिण पूर्व से पश्चिम तक बोली जाती है। कुलसचिव प्रो.दिलीप सोनी ने प्रतिस्पर्धी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए शुद्ध हिंदी प्रयोग हेतु प्रेरित किया ।स्वागत भाषण आधुनिक विभाग अध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार द्विवेदी ने प्रस्तुत किया।आशु भाषण, काव्य पाठ और निबंध प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न सांस्कृतिक स्पर्धाओं में विजित छात्रो को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम में डॉ. तुलसीदास परौहा, डॉ. पूजा उपाध्याय ,डॉ.उपेंद्र भार्गव एवं छात्र, शोधार्थी उपस्थित थे । संचालन डॉ अनीता अग्रवाल ने तथा आभार डॉ. नितिन तिवारी ने माना।