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पीएम मोदी की विपक्ष को नसीहत: इस सत्र में पराजय का गुस्सा निकालने की योजना बनाने के बजाय सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ें

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संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस सत्र में शिरकत करने पहुंचे पीएम मोदी ने संसद के बाहर मीडिया को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, ‘राजनैतिक सरगर्मी बड़ी तेजी से बढ़ रही है। कल चार राज्यों के चुनाव के नतीजे आए। नतीजे बहुत उत्साहजनक हैं – उन लोगों के लिए उत्साहजनक हैं जो आम लोगों के कल्याण के लिए, देश के लिए और देश के उज्जवल भविष्य के लिए कमिटेट हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘सभी समाजों और सभी समूहों की महिलाएं, युवा, हर समुदाय और समाज के किसान और मेरे देश के गरीब। नए संसद भवन का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने देखा है कि जब सुशासन सुनिश्चित हो जाता है तो ‘एंटी-इनकंबेंसी’ शब्द अप्रासंगिक हो जाता है। इतने अद्भुत जनादेश के बाद आज हम संसद के इस नये मंदिर में मिल रहे हैं। जब इस नए परिसर का उद्घाटन हुआ था, तो उस समय एक छोटा सा सत्र था और एक ऐतिहासिक निर्णय हुआ था। लेकिन इस बार लबें समय तक इस सदन में कार्य करने का बहुत अच्छा और व्यापक अवसर मिलेगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र का ये मंदिर जन आकांक्षाओं के लिए, विकसित भारत की नींव को अधिक मजबूत बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण मंच है। मेरा सभी माननीय सांसदों से आग्रह है कि वो ज्यादा से ज्यादा तैयारी कर के आएं और सदन में जो भी बिल रखे जाएं उन पर गहन चर्चा हो। विपक्ष को नसीहत देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘अगर मैं वर्तमान चुनाव नतीजों के आधार पर कहूं, तो ये विपक्ष में बैठे हुए साथियों के लिए सुनहरा मौका है। इस सत्र में पराजय का गुस्सा निकालने की योजना बनाने के बजाय, इस पराजय से सीखकर, पिछले 9 साल में चलाई गई नकारात्मकता की प्रवृत्ति को छोड़कर इस सत्र में अगर सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे तो देश उनकी तरफ देखने का दृष्टिकोण बदलेगा।

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